उत्तराखंड में बढ़ा चिकित्सा शिक्षा का दायरा

  • मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों में दूर हुई फैकल्टी की कमी
  • मेडिकल कॉलेज श्रीनगर व देहरादून को मिली कैथ लैब

देहरादून : उत्तराखंड राज्य गठन के बाद प्रदेश में चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के साथ-साथ मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। साथ ही नये मेडिकल व नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के साथ ही एमबीबीएस व पीजी की सीटों में वृद्धि कर छात्र-छात्राओं को मेडिकल की पढ़ाई के अवसर प्रदान किये। इन संस्थानों में शिक्षण व प्रशिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के लिये समय-समय पर योग्य और अनुभवी संकाय सदस्यों की नियुक्ति कर फैकल्टी की कमी को दूर करने का प्रयास किया, साथ ही मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध अस्पतालों में आधुनिक चिकित्सकीय सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई, जिससे मेडिकल शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।

दूर हुई फैकल्टी की कमी
राज्य सरकार ने प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था को दुरूस्त करने के बड़े स्तर पर संकाय सदस्यों की नियुक्ति है। वर्ष 2025 में संकाय सदस्यों की कमी को पूर्ण करने के लिये 439 असिसटेंट प्रोफेसर की नियुक्ति प्रक्रिया गतिमान हैं। इसके साथ ही विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में संविदा के आधार पर संकाय सदस्यों की भी नियुक्ति की जा रही है। इसके अलावा राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में 26 नर्सिंग टयूटरों की तैनाती कर दी गई है। इसके अलावा एक प्रोफेसर व 6 एसोसिएट प्रोफेसर की नियुक्ति भी कर दी गई है। जबकि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 1248 नर्सिंग अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। जिससे सम्बद्ध अस्पतालों में मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित हुई है।

हरिद्वार में शुरू हुआ मेडिकल कॉलेज
चिकित्सा शिक्षा विभाग के अंतर्गत हरिद्वार में स्थापित मेडिकल कॉलेज का संचालन शुरू कर दिया गया है। जो कि राज्य सरकार की बड़ी उपलब्धि है। इस कॉलेज में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में 100 छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया गया। जबकि शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिये प्रवेश प्रक्रिया गतिमान है।

कैथ लैब की मिली सुविधा
राज्य सरकार के प्रयासों से अब श्रीनगर व देहरादून में मेडिकल कॉलेजों में आधुनिक कैथ लैब की सुविधा आम लोगों की सुलभ की जा रही है। जिससे हृदय संबंधी बीमारियों के उन्नत उपचार की जा रहा है। इससे न केवल प्रदेश के मरीजों का लाभ पहुंच रहा है बल्कि मेडिकल के विद्यार्थियों को भी नई तकनीक के व्यावहारिक प्रशिक्षण का अवसर मिल रहा है। शीघ्र ही कैथ लैब की सुविधा हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भी शुरू कर दी जायेगी।

आई बैंक की स्थापना
राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और श्रीनगर में नेत्र रोग विभाग के अंतर्गत ‘आई बैंक एवं कॉर्निया प्रत्यारोपण केन्द्र’ की स्थापना कर दी गई है। जहां पर आम लोगों को नेत्र प्रत्यारोपण की सुविधाएं दी जा रही है।

भौतिक संसाधनों में वृद्धि
राज्य सरकार द्वारा राजकीय मेडिकल कॉलेजों को साधन सम्पन्न बनाया जा रहा है। दून चिकित्सालय में 500 बेड का अस्पताल व राजकीय दून मेडिकल कॉलेज परिसर में 320 बेडेड यूजी हॉस्टल, 20 बेडेड इंटर्न हॉस्टल, 56 बेडेड एसआर हॉस्टल तथा टाईप-5 के 72 आवासीय भवन बनाये जा रहे हैं। इसी प्रकार राजकीय मेडिकल कॉलेज हरिद्वार, अल्मोड़ा तथा पिथौरागढ़ में क्रिटिकल केयर ब्लॉक का निर्माण कार्य भी गतिमान है।

राज्य सरकार चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण मेडिकल एजुकेशन और आधुनिक प्रशिक्षण सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इसके लिए नए चिकित्सा एवं नर्सिंग संस्थानों की स्थापना के साथ-साथ मौजूदा संस्थानों में अत्याधुनिक संसाधन, उपकरण और योग्य संकाय सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है। हमारा लक्ष्य है कि उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बने।

-डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।

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