राज्य को मिलने वाली आर्थिक सहायता में वृद्धि के आसार

देहरादून। 16वें वित्त आयोग की टीम के साथ सोमवार को राज्य के अधिकारियों के साथ राज्य के ढांचागत विकास और राज्य को मिलने वाली केन्द्रीय आर्थिक सहायता तथा केन्द पोषित योजनाओं की स्थिति की समीक्षा की गयी। जिसमें वित्त आयोग ने राज्य की आर्थिक स्थिति व विकास योजनाओं के बीच संतुलन पर संतोष व्यक्त किया।
आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के नेतृत्व में उत्तराखण्ड पहुंची 16वें वित्त आयोग की टीम द्वारा केन्द्रीय करो में उत्तराखण्ड राज्य की हिस्सेदारी को बढ़ाने राज्य की केन्द्र पोषित योजनाओं की स्थिति तथा उसके बजट का आकार और वित्तीय घाटे की समीक्षा की गयी। आयोग के अध्यक्ष द्वारा ओवर आल स्थिति का नियंत्रण में होने तथा संतुलित होने की जानकारी देते हुए कहा गया कि राज्य की आर्थिक विकास दर और ढांचागत सुधारों के बीच चिंता करने जैसी कोई बात नहीं है। उन्होने राज्य के राजकोषीय घाटों में निरंतर हो रही वृद्धि को नियंत्रित करने की बात कहते हुए कहा कि विकास की गति को बनाये रखने के लिए राज्य सरकार की आय में आय में वृद्धि और टेक्स के बोझ को कम किया जाना चाहिए जिससे आम आदमी की रोजमर्रा की जिन्दगी प्रभावित न हो।
उल्लेखनीय वित्त आयोग द्वारा इस समीक्षा के आधार पर राज्य को विभिन्न योजनाओं के अंर्तगत मिलने वाली केन्द्रीय योजनाओं में राज्य की हिस्सेदारी भी इसी से तय होती है तथा राज्य की हिस्सेदारी भी इसी से तय होती है। तथा राज्य की जरूरतों का खाका तैयार किया जाता है। इस बैैठक के बाद जो फैसले लिये जायेगें वह एक अप्रैल 2026 से लागू होगें। राज्य को किस मद में कितने धन की जरूरत होगी तथा राज्य को मिलने वाली विशेष सहायता कितनी होगी। राज्य और केन्द्र की योजनाओं में भागीदारी से लेकर अन्य तमाम मद जैसे ग्रीन बोनस जिसकी मांग राज्य सरकार द्वारा लम्बे समय से की जा रही है आदि तमाम अहम मुद्दो पर फैसला किया जायेगा। योजनागत व्यय को बढ़ाने और कम करने का आधार भी क्या हो सकता है जैसे मुद्दे अहम है राज्य के अधिकारियों ने इसके लिए पूर्व तैयारी की थी। देखना होगा वह केन्द्रीय आयोग की अपनी बातों से कितने सहमत कर पाते है बैठक में मुख्यमंत्री धामी के अलावा मुख्य सचिव सहित तमाम अधिकारी मौजूद रहे।