वैदिक ब्राह्मण सभा ने  धूमधाम एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाया गुरु पूर्णिमा त्योहार

देहरादून। राजधानी देहरादून में बृहस्पतिवार को सभी लोगों गुरु पूर्णिमा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। वहीं, वैदिक ब्राह्मण सभा की ओर से संचालित एवं पोषित श्री परशुराम चतुर्वेद विद्यालय में गुरु पूर्णिमा का त्योहार बहुत ही धूमधाम एवं हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। आज प्रातः सभी बटुक ब्राह्मणों का चूड़ाकर्म संस्कार कराया गया तत्पश्चात प्रातः 10ः00 बजे भगवान राम परशुराम मंदिर में व्यास जी महाराज के चित्र का वैदिक मंत्रों के साथ पूजन किया गया और प्रसाद वितरण किया गया । इस उपलक्ष्य में विद्यालय के प्रधानाचार्य आचार्य भरत राम तिवाड़ी एवं सभी शिक्षक उपस्थित रहे । वैदिक ब्राह्मण सभा से आचार्य पवन कुमार शर्मा, ओम प्रकाश वशिष्ठ, गौरव बक्शी, सूरज कुमारी शर्मा, शम्भु थपलियाल, दिनेश कालिया,आर के तिवारी , संदीप शर्मा आदि उपस्थित रहे।
गुरु पूर्णिमा का हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म में बहुत महत्व है। यह पवित्र दिन आध्यात्मिक मार्गदर्शन और सलाह के महत्व को स्वीकार करता है। यह उत्सव गुरुओं के प्रति कृतज्ञता और सम्मान व्यक्त करने के लिए समर्पित है, जिन्होंने अपने शिष्यों के जीवन को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
गुरु पूर्णिमा महत्व
इस विशेष दिन पर शिष्य अपने गुरु की विशेष पूजा करता है और यथाशक्ति दक्षिणा, पुष्प, वस्त्र आदि भेंट करता है। शिष्य इस दिन अपने सारे अवगुणों को गुरु को अर्पित कर देता है और शिष्य अपना सारा भार गुरु को दे देता है।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
हिंदू परंपरा में, यह ऋषि व्यास के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाई जाती है, जिन्होंने वेदों का संकलन किया और महाभारत की रचना की। बौद्ध धर्म में, यह उस दिन को चिह्नित करता है जब भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। जैन धर्मावलंबियों के लिए, यह वह दिन है जब भगवान महावीर ने गौतम स्वामी को अपना पहला शिष्य बनाया था।

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