राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (FSL) के साथ मिलकर महिलाओं के लिए पहला एआई साक्षरता अभियान चलाया।

नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने यशोदा एआई अभियान को सक्रिय किया। इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना है। 23 मई 2025 को भीमराव कॉलेज पुलिस अकादमी, मुरादाबाद में डिजिटल जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए ‘एआई सखी’ पहल शुरू की गई, जो महिलाओं को टेक्नोलॉजी और समावेशन के क्षेत्र में सशक्त बनाकर विकसित भारत में सार्थक योगदान देने का महत्वपूर्ण कदम होगी।
राष्ट्रीय महिला आयोग की अगुवाई में यशोदा एआई अभियान भारत का पहला राष्ट्रव्यापी अभियान है, जिसे खासतौर पर ग्रामीण और छोटे कस्बों की महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई, साइबर और डिजिटल सुरक्षा से जुड़ी आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएगा। इस पहल को राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (Future Shift Labs) ने मिलकर संचालित किया है। यशोदा एआई एक प्रशिक्षण कार्यक्रम से बढ़कर महिलाओं को आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता और जागरूकता बनाने के साथ डिजिटल दुनिया में उन्नति के लिए प्रेरित करता है।
यशोदा एआई अभियान में कई जटिल मुद्दों जैसे एआई से जुड़े अपराध, डिजिटल प्राइवेसी और सुरक्षा रणनीति पर चर्चा हुई। छात्रों, शिक्षकों और पुलिस बल की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी अभियान समुदाय नेतृत्व वाली डिजिटल शिक्षा का उदाहरण बन गया है। भारत के तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल माहौल में महिलाएं केवल हिस्सेदार नहीं, बल्कि लीडर और मेकर की भूमिका अदा करें। इसी मकसद के यशोदा एआई आगे बढ़ा रहा है।
पेरिस में एआई शासन पर आयोजित वैश्विक शिखर सम्मेलन में भारत की मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई। साथ ही यशोदा एआई जैसी पहल से महिलाओं में डिजिटल सशक्तिकरण बढ़ाने की प्रतिबद्धता का प्रतिबिंबित किया। यह भारत में महिलाओं को डिजिटल क्रांति में शामिल दृढ़ता को दिखाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महिला-नेतृत्व वाले विकास और एक विकसित भारत के तहत यशोदा एआई अभियान सशक्त भारत के निर्माण की दिशा में एक निर्णायक कदम साबित होगा। साथ ही भारत सरकार के इंडियाएआई मिशन को आगे बढ़ाएगा। इसका मकसद भारत को एआई रिसर्च, इनोवेशन और विकास का वैश्विक केंद्र बनाना है। पीएम मोदी की लीडरशिप में मिशन सभी नागरिकों तक फायदा पहुंचाएगा। यशोदा एआई महिलाओं में डिजिटल कौशल से एआई क्रांति में लीडरशिप भूमिका में लाएगा। पेरिस में एआई शासन पर वैश्विक शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने जिम्मेदारी के साथ एआई के इस्तेमाल पर जोर दिया था। एआई की मदद से सबसे कमजोर तबके तक फायदा पहुंचाने की कोशिश है।
यशोदा एआई अभियान डिजिटल इंडिया पहल का सटीक उदारण है, जो भारत को डिजिटली सशक्त समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलने में मदद करेगा। इससे जमीनी स्तर पर एआई साक्षरता से महिलाओं को देश की डिजिटल विकास की कहानी में जोड़ा जाएगा। यशोदा एआई कार्यशालाएं करियर, डिजिटल स्टार्टअप और फ्रीलांसिंग की नई राह खोलेगा। यह ऑनलाइन सुरक्षा के साथ भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था में रोजगार के अवसर पैदा करेगा।
इस इवेंट में एनडब्ल्यूसी की चेयरमैन विजया राहटकर ने कहा कि सही बदलाव तब आता है, जब महिलाएं भविष्य के टूल की मास्टर बनती हैं। उन्होंने कहा कि यशोदा एआई अभियान केवल एक टेक्नोलॉजी की सीख नहीं है, बल्कि आत्मविश्वास पैदा करने, जानकारी रखने, महिला की डिजिटल सुरक्षा को लेकर कल के लिए तैयार करना है। उन्होंने जोर दिया कि एआई आज के जीवन में अहम योगदान है। विजया के मुताबिक यशोदा एआई मातृत्व का अहम हिस्सा है। यशोदा एआई सभी टेक्नोलॉजी की जननी है, जो महिलाओं को सुरक्षा, उपाय प्रदान करके सशक्त बनाने की दिशा में एक कदम है। उन्होंने सभी राज्यों में एआई टेक्नोलॉजी में महिलाओं की जागरूकता के लिए अभियान चलाने पर जोर दिया।
इस पहल को राष्ट्रीय महिला आयोग ने फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (FSL) के सहयोग से लागू किया, जो टेक्नोलॉजी विशेषज्ञता और प्रशिक्षण में सहायता प्रदान करता है। कार्यक्रम में बोलते हुए, फ्यूचर शिफ्ट लैब के संस्थापक नितिन नारंग ने कहा कि “यह केवल AI साक्षरता के बारे में नहीं है, यह भारत की महिलाओं के लिए सम्मान और डिजिटल सशक्तिकरण के समान अवसर प्रदान करने के बारे में है, जो एक विकसित भारत के निर्माण के लिए प्रमुख स्तंभ हैं।
इस कार्यक्रम में फ्यूचर शिफ्ट लैब के सह-संस्थापक और निदेशक सागर विश्नोई और यशोदा एआई के संयोजक प्रणव द्विवेदी ने भी अपने विचार पेश किये। उन्होंने सामूहिक रूप से भारत के एआई सफर में डिजिटल साक्षरता और महिलाों के लीडरशिप पर जोर दिया। इस मौके पर राष्ट्रीय महिला आयोग के रामावतार सिंह, शिवानी डे और संतोष कुलकर्णी मौजूद रहे।
इस इवेंट में 140 पुलिस अधिकारी, 12 सीनियर पुलिस अधिकारी के साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक बिकास कुमार वैद्य, अपर पुलिस अधीक्षक महेंद्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक अंगना शर्मा मौजूद रहे, जिन्होंने डिजिटल समावेशन और एआई जागरूकता में हिस्सेदारी पर जोर दिया।
राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) भारत में महिलाओं के अधिकारों के संरक्षण और संवर्धन के लिए सर्वोच्च वैधानिक निकाय है। यह नीति महिलाओं के लैंगिक समानता, डिजिटल साक्षरता और कानूनी जागरूकता पर राष्ट्रीय स्तर के अभियान चलाता है और सरकार को सलाह उपलब्ध कराता है। फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (FSL) एक वैश्विक थिंक टैंक और इनोवेशन लैब है जो उभरती टेक्नोलॉजी के नैतिक और समावेशी उपयोग के लिए समर्पित है। यह एआई जिम्मेदारी से इस्तेमाल, डिजिटल समावेशन और मानवाधिकारों पर आधारित बुनियादी ढ़ांचा विकसित करता है जो यह सुनिश्चित करता हैं कि डिजिटल युग में कोई भी पीछे न छूटे।