देहरादून : उत्तराखंड तकनिकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण में मंगलवार को उस वक्त नया मोड़ आ गया जब डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र संघटनो ने वाईस चांसलर डॉ. ओमकार सिंह, एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के. पटेल से नैतिकता के आधार पर इस्तीफे के मांग की !
उन्होंने बताया कि ये कोई गलती नहीं बल्कि षड्यंत्र लगता है की फेल छात्र को डिग्री दे दी गयी !

उन्होंने वर्तमान में चल रहे विश्विद्यालय की उत्तर पुस्तकिओं के मूल्याङ्कन के तरीके पर भी कड़ी आपत्ति जताई ! उत्तर पुस्तकिओं के मूल्याङ्कन के लिए शिक्षकों को यूजर नेम एवं पासवर्ड देकर उत्तराखंड तकनिकी विश्विद्यालय ने गोपनीयता की अपनी जिम्मेदारी से मुँह मोड़ लिया है ! जिनमे से काफी शिक्षक उत्तराखंड छोड़कर भी चले गए है एवं फिर भी घर बैठे अपने परिवार के साथ मिलकर उत्तर पुस्तकिओं का मूल्याङ्कन कर रहे है ! इस तरह की लापरवाही से छात्र-छात्राओं में अपने भविस्य को लेकर गंभीर भय व्यापत है ! एक छात्र ने नाम न छापने की शर्त पर बताया की उनके कॉलोनी के एक सफाई कर्मी के पास भी यू ऍम एस का पासवर्ड है जो उनके फ़ोन पर एस.मस.एस. से आया था एवं लॉगिन में कॉपी चेक करने के लिए आई हुई है ! उन्होंने वाईस चांसलर डॉ. ओमकार सिंह के द्वारा यू ऍम एस एवं इ.आर.पी. चयन करने में अपनी मनमानी करने एवं अपने रिश्तेदार को आर्डर देने पर भी कड़ी आपत्ति जताई ! छात्र छात्राये अत्यंत परेशान है एवं शासन को भी शिकायत कर चुके है परन्तु वाईस चांसलर साहब अपने प्रभाव का उपयोग करके बार बार साफ़ बच जाते है एवं फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण में अभी भी केवल लीपा पोती की जारी है ! एवं छोटे कर्मचारीओ को बलि का बकरा बनाकर मामले को रफा दफा करने का प्रयास किया जा रहा है !
जबकि पूर्ण जिम्मेदारी वाईस चांसलर डॉ. ओमकार सिंह, एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के. पटेल की है एवं उनको नैतिकता के आधार पर तुरन्त इस्तीफा दे देना चाइये ! छात्र संघटनो ने पुरजोर मांग की, कि अगले वाईस चांसलर उत्तराखंड मूल से होना चाइये ताकि पहाड़ के छात्रों की समस्याएं सही तरह से समझी जा सके ! उन्होंने शिक्षकों को घर बैठे विश्विद्यालय के कॉपी ऑनलाइन मूल्यांकन को लेकर भी कड़ी आपत्ति जताई एवं गोपनीयता भंग होने का अंदेशा किया ! उन्होंने विश्विद्यालय एवं शासन से फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण तुरंत गम्भीरता से लेने एवं डॉ. ओमकार सिंह एवं डॉ. वी. के. पटेल को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की ! यदि ऐसे गंभीर प्रकरणो पर सरकार ने शीघ्र ध्यान नहीं दिया गया एवं यू ऍम एस एवं इ.आर.पी. को तुरंत नहीं बदला गया तो विश्विद्यालय की विश्वनीयता भंग हो जाएगी ! ऐसे में छात्र संघटनो के पास राज्य लेवल का आंदोलन करने एवं माननीय तकनीकी शिक्षा मन्त्री जी का घेराव करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा !