चमोली। उत्तराखंड के जनपद चमोली में चीन सीमा के पास बड़ा हादसा हो गया। यहां देश के पहले गांव माणा से कुछ दूरी पर एवलॉन्च की चपेट आने से 57 मजदूर दब गए, जिनमें से 32 का रेस्क्यू कर लिया गया। रेस्क्यू किए गए कुछ मजदूरों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका सेना के कैंप में इलाज चल रहा है। बारिश और बर्फबारी के बाद सेना को भी रेस्क्यू ऑपरेशन करने में दिक्कते आ रही है।
जानकारी के मुताबिक फिलहाल भारतीय सेना और आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के जवान रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटे हुए है। अभीतक जो जानकारी सामने आई है, उसके मुताबिक 57 में से 32 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया गया है, जबकि 25 मजदूर अभी भी फंसे हुए है, जिनको निकालने के प्रयास जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन में मौसम सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है। क्योंकि जिस इलाके में ये घटना हुआ है, वहां पर भारी बर्फबारी हो रही है। ऐसे में वायु सेना भी अपना हेलीकॉप्टर नहीं भेजा पा रही है।
वहीं सड़कों की बात करें के बर्फबारी और बारिश के कारण बदरीनाथ हाईवे भी पूरी तरह से बाधित है। फिलहाल वायुसेना भी मौसम साफ होने का इंतजार कर रही है। यदि कल सुबह मौसम साफ होता है तो वायु सेना की मदद से मजदूरों की एयरलिफ्ट किया जाएगा। साथ ही इस तरह की खबरे भी है कि भारतीय सेना एवलॉन्च में दबे मजदूरों को निकालने के लिए रातभर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाएगी।
घटना के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए आईटीबीपी कमाडेंट पीयूष पुष्कर ने बताया माणा ने जहां पर उनकी कंपनी डिप्लॉय है, वहां से करीब एक दो किमी दूर जहां माणा चेकपोस्ट है। वहीं से एक रास्त घसतोली को जाता है, उसी जगह पर बीआरओ का कैंप है, वो भारी बर्फबारी और एवलॉन्च की चपेट में आ गया। यहां भी बताया जा रहा है कि वो कैंप बह गया है, जिसमें करीब 57 मजदूर रह रहे थे, जो बीआरओ के लिए काम कर रहे थे। इस एवलॉन्च में सभी 57 मजदूर दब गए।
