रानों – सरमोला तथा नाग कांडा व सारी – रूद्रप्रयाग सम्पर्क मोटर मार्ग भी आया रानौं मोटर पुल के पास खतरे की जद में

गौचर / चमोली। मानसून की पहली बारिश में ही सिंचाई नहर बमोथ की 30 मीटर पुस्ता ढहने से सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो गई है। वहीं दूसरी ओर रानों मोटर मार्ग के पास हो रहे भूस्खलन के चलते बड़े इलाके को जोड़ने वाली सम्पर्क मोटर मार्ग भी खतरे की जद में है।
रात भर जारी रही बरसात के चलते नहर में पानी भर जाने से हुऐ आज सुबह ही भूस्खलन के चलते बमोथ सिंचाई नहर का लगभग 30 मीटर पुस्ता ढह गया है। जिससे गांव के पौराणिक जल स्रोत (पानी का धारा) पर भी भूस्खतित हुआ मलवा पत्थर जमा हो गये। पूर्व ग्राम प्रधान बमोथ प्रकाश रावत ने कहा कि नहर में पानी जमा होने से हुऐ भूस्खलन में नहर का लगभग 30 मीटर पुस्ता ढहने से सिंचाई नहर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसकी सूचना से सिंचाई विभाग चमोली को अवगत करा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब कई लोगों की गांव में रोपाई होने वाली है। नहर के क्षतिग्रस्त होने से बड़ी समस्या काश्तकारों के समक्ष पैदा हो गई है। उन्होंने कहा कि जब तक सिंचाई नहर के पुस्ते का पुनर्निर्माण कार्य होता है तब तक सिंचाई विभाग चमोली को वैकल्पिक व्यवस्था के माध्यम से नहर पर पानी चलाना चाहिए। जिससे रोपाई का कार्य सूचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा कि नहर के भूस्खलन से आये हुऐ मलवा को हटाने के लिए गांव के लोगों से श्रमदान करने की अपील की गई है।
वहीं दूसरी ओर भट्टनगर – रानो मोटर पुल से आगे अलकनंदा नदी की तरफ नीचे से हो रहे भूस्खलन से रानों – सरमोला व रानों – क्वींठी तथा सारी – रूद्रप्रयाग सम्पर्क मोटर को नुक्सान पहुंचने की स्तिथि जैसी पैदा हो रही है। रानो ग्राम पंचायत के निवर्तमान प्रधान चन्द्र सिंह भंडारी, वन सरपंच उत्तम सिंह भंडारी आदि ने बताया कि भूस्खतित क्षेत्र को रोका नहीं गया तो बरसात में यह सम्पर्क मोटर मार्ग कभी भी बन्द हो सकता है। उन्होंने इस क्षेत्र में कार्य कर रही रेलवे निर्माणदाई कम्पनियों से इस भूस्खतित हुऐ भाग पर सुरक्षात्मक उपाय किये जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा सम्पर्क मोटर के ध्वस्त होने से बहुत बड़े इलाके में खाद्यान्न सहित रोजमर्रा की आवश्यक सामग्री लेने की समस्या उत्पन्न हो सकती है।