ग्रामीण भारत तक ले गया एआई को
उद्योग जगत की ऐसी पहल जो सेंटरफ्रूट के “कैसी जीभ लपलपायी” अभियान को फीचर फोन यूज़र्स तक पहुँचाने के लिए वॉयस एआई का उपयोग करती है और इंटरनेट से कनेक्ट की जरूरत के बिना ही जुड़ने के लिए एआई तकनीक को क्षेत्रीय स्वाद से मिलाती है

नई दिल्ली। समावेशी नवाचार के लिए एक दिलेर कदम उठाते हुए, परफेटी वैन मेले इंडिया के उत्पाद सेंटरफ्रूट ने WPP और BharatGPT.ai और Google Cloud के सहयोग से ‘सेंटरफ्रूट टंग ट्विस्टर चैलेंज’ की शुरूआत की है – यह अपनी तरह का पहला वॉयस आधारित GenAI अभियान है जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के उन ग्रामीण क्षेत्रों में दर्शकों को अभियान से जोड़ना है, जहाँ टेलीविज़न और डिजिटल की बात तो छोड़िए, डेटा तक भी सीमित पहुँच है और यह एक चुनौती बनी हुई है। अभियान ने इंटरनेट, ऐप्स या यहाँ तक कि स्मार्टफ़ोन की ज़रूरत को खत्म करते हुए उन समुदायों तक लुत्फ, स्वाद और तकनीक पहुँचाई है, जिनके बारे में आम तौर पर मुख्यधारा के ब्रांड्स सोचते भी नहीं है।
अपने चल रहे कैसी जीभ लपलपाई अभियान के तहत सेंटरफ्रूट ने एकदम स्थानीय वॉयस एआई प्रस्तुत किया है, जो उपयोगकर्ताओं को सीधे उनके फीचर फोन पर कॉल करता है। एक साधारण कॉल बैक के साथ, उपयोगकर्ता अपनी खुद की बोली में बातचीत करते हुए टंग-ट्विस्टर चुनौती मे शामिल हो गए – और एक साधारण फोन कॉल हंसी, भाषाई स्वभाव और क्षेत्रीय गौरव से भरे एक गेमिफाइड ब्रांड अनुभव में बदल गई।
इस अभियान को चलाने के मूल में एक आला दर्जे का वॉयस इंफ्रास्ट्रक्चर था, जिसने लाखों लोगों को रियल-टाइम में ब्रांड के साथ बातचीत करने की सुविधा दी, यहां तक कि बुनियादी, बिना इंटरनेट वाले फोन पर भी। कोई ऐप नहीं, कोई इंटरनेट नहीं, कोई डेटा नहीं, बस एक फोन कॉल और एआई -संचालित मनोरंजन का अनुभव।
अभियान के बारे में अपने विचार रखते हुए परफ़ेटी वैन मेले इंडिया की मार्केटिंग डायरेक्टर गुंजन खेतान ने कहा, “ग्रामीण भारत सेंटरफ्रूट के लिए एक महत्वपूर्ण बाज़ार है। आज जब टीवी के ज़रिये हम लाखों लोगों तक पहुँच पाते हैं, बहुत से ऐसे इलाके भी हैं, जहां अपने ब्रांड की कहानी बताना अभी भी हमारे लिए एक चुनौती है। ऐसे में नवीनतम वॉयस एआई टेक एक्टिवेशन एक गेम-चेंजर है, यह हमें न सिर्फ पारंपरिक डिजिटल ईको सिस्टम के बाहर लोगों तक पहुँचाता है, बल्कि उनसे बात करने की सहूलत भी देता है। एआई और रचनात्मक कहानी कहने की कला की बदौलत हम कैसी जीभ लपलपायी भावना को ऐसे जीवंत करते हैं कि यह एकदम स्थानीय, सहज और गहराई से समावेशी लगता है। हमारा मानना है कि यह एक दमदार कदम है जो यह सुनिश्चित बनाता है कि उपभोक्ता बातचीत से कोई भी बाहर न रहे, फिर चाहे वह कहीं भी हो, तकनीक तक उसकी पहुँच हो या नहीं।”
समाधान Google Cloud पर है, जो GPU एक्सेलेरेशन, एडवांस नेटवर्किंग और स्केलेबल स्टोरेज के साथ उच्च-प्रदर्शन वाली गणना का फायदा उठाता है। एक कंटेनराइज्ड ऑर्केस्ट्रेशन परत एक ही समय मे ज़्यादा उपयोगकर्ताओं के जुड़ने पर देरी को कम करती है और अधिक उपलब्धता सुनिश्चित करती है। उपयोगकर्ता की प्राप्त आवाज़ को रियल-टाइम ऑडियो स्ट्रीम के ज़रिए कैप्चर किया जाता है और CoRover के मालिकाना मल्टीमॉडल बड़े भाषा मॉडल BharatGPT के ज़रिये प्रोसेस किया जाता है। भारतीय भाषाओं और बोलियों के लिए अनुकूलित, BharatGPT प्रोपराइटरी स्पीच जेनरेशन मॉडल का उपयोग करके स्पीच-टू-टेक्स्ट रूपांतरण और संदर्भ को समझकर प्रतिक्रिया करता है, जो कि मजाकिया, सृजनात्मक संवाद के माध्यम से सेंटर फ्रूट के ब्रांड व्यक्तित्व के अनुरूप जवाब देता है।
यह सिस्टम Google के अत्याधुनिक मल्टीमॉडल एआई मॉडल Gemini के साथ भी एकीकृत करता है, ताकि उपयोगकर्ता के टंग ट्विस्टर के प्रयासों का मूल्यांकन किया जा सके। यह सिस्टम उच्चारण की सटीकता, वर्गीकरण: बोलने की आंतरिक गति और स्पष्टता के आधार पर लाइव स्कोरिंग देता है। GCP का हाई-स्पीड नेटवर्किंग फैब्रिक लगभग तुरंत फीडबैक और प्रतिक्रिया को सक्षम बनाता है।
गूगल क्लाउड इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट और कंट्री एमडी बिक्रम सिंह बेदी ने कहा, “गूगल क्लाउड का स्केलेबल क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर सेंटर फ्रूट जैसे ब्रांडों को ग्राहकों तक उनकी अपनी भाषा में पहुँचने में सक्षम बनाएगा और जेमिनी की क्षमताएं रियल-टाइम स्कोरिंग करेंगी जो न सिर्फ उपयोगकर्ता के अनुभव को रोमांचक बनाएगी, बल्कि ब्रांड की पहचान को और विस्तार देंगी। यह इस बात का प्रमाण है कि तकनीक वास्तव में दुनिया भर के व्यवसायों और उपभोक्ताओं को सशक्त बना सकती है।”
टंग ट्विस्टर चैलेंज से परे, उपयोगकर्ता BharatGPT.ai के Ask इंजन के माध्यम से भी सवाल पूछ सकते हैं, अपनी क्षेत्रीय बोली में तुरंत जवाब भी पा सकते हैं, जिससे समग्र अनुभव इंटरैक्टिव और संवादात्मक बन जाएगा।
वेवमेकर के दक्षिण एशिया के सीईओ अजय गुप्ते ने कहा, “हमारा मानना है कि तकनीक को बराबरी का माध्यम होना चाहिए, बाधा नहीं। अभियान के लिए BharatGPT.ai और Google Cloud के साथ पर हमारा सहयोग इस बात का शक्तिशाली उदाहरण है कि कैसे वॉयस-आधारित जेनए आई डिजिटल अंतर को अंतर को खत्म कर सकता है और उन दर्शकों को चंचल, तल्लीन करने वाला ब्रांड अनुभव दे सकता है, जिन्हें अक्सर मुख्यधारा के मीडिया द्वारा अनदेखा कर दिया जाता है। रचनात्मकता को स्केलेबल तकनीकी ढांचे के साथ जोड़कर, हमें एक ऐसा अभियान बनाने में मदद करने पर गर्व है जो जितना समावेशी है उतना ही नवीन भी है – जो लोगों से सीधे उनकी भाषा में, उनके द्वारा पहले से उपयोग किए जा रहे उपकरणों पर बात करता है। यह पहल इस बात को फिर से परिभाषित करने की दिशा में एक कदम है कि ब्रांड ग्रामीण भारत से कैसे जुड़ सकते हैं – न केवल उन तक पहुंचकर, बल्कि उन्हें स्थानीय, व्यक्तिगत और गहराई से मानवीय तरीकों से जोड़कर भी।”
हॉगर्थ इंडिया के चीफ एग्जीक्यूटिव अफसर कार्तिक नागराजन ने कहा, “परफेटी वैन मेले, WPP, Google Cloud और BharatGPT के बीच यह साझेदारी तकनीक के उपयोग के बारे में नहीं बल्कि सांस्कृतिक इंजीनियरिंग के बारे में थी। हमने एआई को सिर्फ़ सवालों के जवाब देने के लिए नहीं बनाया, बल्कि रोज़मर्रा के भारत की बुद्धि, लय और गर्मजोशी को दर्शाने के लिए बनाया है। जब रचनात्मकता और तकनीक का मेल होता है, तो आप सिर्फ़ लोगों तक पहुँचते ही नहीं हो- आप इसकी गूँज सुनाते हो। एक कंटेंट एक्सपीरियंस कंपनी के रूप में, हम माध्यम की परवाह किए बिना आकर्षक, समृद्ध ब्रांड अनुभव देने में माहिर हैं। इस मामले में, हम परफेटी वैन मेले के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने हमें एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म दिया जिसने हमें अपने दर्शकों के लिए बड़े पैमाने पर ऐसा अनुभव बनाने में सक्षम बनाया”
BharatGPT.ai. के फाउंडर अंकुश सभ्रवाल ने कहा, “परफेटी वैन मेले इंडिया, WPP और Google Cloud के साथ यह सहयोग इस बात का प्रमाण है कि तकनीक वास्तव में कैसे सशक्त बना सकती है। अपने मज़बूत टेलीफ़ोनी और स्केलेबल वॉयस इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ BharatGPT स्टैक को जोड़कर, हमने एआई को बिना इंटरनेट, बिना स्क्रीन के ग्रामीण भारत तक पहुँचा दिया है। यह उद्देश्य के साथ किया गया इनोवेशन है, जिसे भारत के लिए बनाया गया है।”
यह पहल भारत में ग्रामीण क्षेत्रों में हमारी मार्केटिंग यात्रा में एक खास पल है, जो दर्शाती है कि कैसे एआई, आवाज प्रौद्योगिकी और कहानी कहने की संस्कृति भारत के लिए आनंदमय, प्रभावशाली और वास्तव में समावेशी अनुभव दे सकती है।