नीति आयोग द्वारा मां की रसोई रेस्टोरेंट और रंगत पेंट्स के विशिष्ट योगदान के लिए मिला प्रतिष्ठित सम्मान

देहरादून। उद्योग और नवाचार के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाने वाले सुप्रसिद्ध उद्योगपति डॉ. अमित डी. ओझा को उनके दो अग्रणी व्यावसायिक उपक्रमों – मां की रसोई रेस्टोरेंट और रंगत पेंट्स – की सराहनीय उपलब्धियों के लिए भारत सरकार के नीति आयोग द्वारा ‘राष्ट्रीय गौरव अवार्ड’ से नवाज़ा गया।
यह भव्य सम्मान समारोह देश की राजधानी नई दिल्ली के संविधान क्लब में आयोजित किया गया, जहां भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश श्री के. जी. बालकृष्णन ने डॉ. ओझा को यह सम्मान प्रदान किया। इस गरिमामय अवसर पर कई केंद्रीय मंत्री, राज्य मंत्री, नीति आयोग के अधिकारीगण और देशभर से आए गणमान्य उद्योगपति व समाजसेवी भी मौजूद रहे।
मां की रसोई – स्वाद और संवेदना का संगम
डॉ. ओझा द्वारा शुरू किया गया ‘मां की रसोई’ आज केवल एक रेस्टोरेंट नहीं, बल्कि भावनाओं से जुड़ा एक आंदोलन बन चुका है। पारंपरिक भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ यह रेस्टोरेंट सामाजिक सहभागिता का भी प्रतीक है, जहां स्वाद के साथ संवेदनाएं भी परोसी जाती हैं।
रंगत पेंट्स – रंगों में छुपी नवाचार की कहानी
वहीं, ‘रंगत पेंट्स’ ने अपने उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों, पर्यावरण के प्रति जागरूकता और उपभोक्ता संतुष्टि के सिद्धांतों के कारण बाजार में विशेष स्थान बनाया है। इस ब्रांड ने पेंट उद्योग में एक नई पहचान स्थापित की है और रोजगार के अवसरों को भी बढ़ावा दिया है।
सम्मान के क्षणों में भावुक हुए डॉ. ओझा
सम्मान प्राप्त करते समय डॉ. अमित डी. ओझा ने कहा:
“यह सम्मान मेरी पूरी टीम, मेरे परिवार और उन सभी सपनों का है जिन्हें मैंने वर्षों से संजोया है। मां की प्रेरणा से शुरू हुई मेरी यह यात्रा आज एक राष्ट्रीय स्तर की पहचान बन गई है। मैं भारत सरकार, नीति आयोग और इस पुरस्कार समिति का दिल से आभार प्रकट करता हूं। यह मेरे लिए गर्व और प्रेरणा दोनों का क्षण है।”
नेतृत्व, संवेदना और सफलता का अद्भुत संगम
डॉ. ओझा का जीवन यह दर्शाता है कि यदि कार्य में समर्पण हो, सोच में सामाजिकता हो और कदमों में आत्मविश्वास हो, तो सफलता दूर नहीं होती। उनका यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की जीत है, बल्कि यह हर उस युवा उद्यमी के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को आकार देने की चाह रखता है।