स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व पर्यवेक्षकों को मिला जनपद परिवर्तन का अवसर

कैबिनेट ने दी स्वीकृति, 5 वर्ष की सेवा के उपरांत एक बार मिलेगा मौका

देहरादून ।  स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएनएम) एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों की लंबे समय से लंबित मांग आखिरकार पूरी हो गई है। अब पांच साल की संतोषजनक सेवा पूर्ण करने पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं (एएनएम) एवं स्वास्थ्य पर्वेक्षक पूरे सेवाकाल में एक बार जनपद परिवर्तन कर सकेंगे। जिसकी मंजूरी राज्य कैबिनेट ने दे दी है।

प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न चिकित्सा इकाइयों में तैनात एएनएम एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक अब अपनी सम्पूर्ण सेवा अवधि में एक बार जनपद परिवर्तन का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह निर्णय इन कर्मचारियों की व्यावहारिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जिससे सैकड़ों एएनएम और पर्यवेक्षक सीधे-सीधे लाभान्वित होंगे। डॉ. रावत ने बताया कि कई एएनएम अपनी गंभीर समस्याओं का हवाला देकर अपना स्थानांतरण दूसरे जनपदों में कराने के लिये अनुरोध करते थे लेकिन सेवा नियमावली मे अंतर्जनपदीय स्थानांतरण की व्यवस्था न होने के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाता था। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की इस समस्या को दृष्टिगत रखते हुये राज्य कैबिनेट ने यह बड़ा फैसला लिया है। जिसके तहत इन्हें अब एक जनपद से दूसरे जनपद में समान संख्या के आधार पर स्थानांतरण का लाभ दिया जा सकेगा।

डॉ. रावत ने बताया कि वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग में एएनएम के 2295 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 2083 पदों पर एएनएम कार्यरत हैं तथा 212 पद रिक्त हैं। इसी प्रकार स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के 338 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 157 पद भरे हैं तथा 181 पद रिक्त हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट का यह निर्णय उन एएनएम एवं पर्यवेक्षकों के लिए राहत लेकर आया है जो वर्षों से अपने गृह जनपद में तैनाती की मांग कर रहे थे।

कैबिनेट के इस फैसले के बाद राज्यभर के एएनएम एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षकों में खुशी का माहौल है। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी वर्षों पुरानी मांग को पूरा कर दिया है। जिससे वह अब अपने इच्छित जनपदों में स्थानांतरण पा सकेंगे।

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