श्रद्धा एवं भक्ति का प्रतीक पांडव नृत्य देखने उमड़ी भक्तों की भीड़

चमोली। रुद्रप्रयाग जनपद की ग्राम सभा थपलगांव में विगत् 500 वर्षों से भब्य एवं दिव्य पाण्डव नृत्य की परम्परा रही है। वर्तमान पीढ़ी भी इसी पुष्य कार्य का चड़ी भक्ति भाव से निर्वहन कर रहे हैं इस वर्ष पाण्डव नृत्य का शुआरम्भ नवम्बर 18 को हो चुका है जिसका समापन आगामी 20 दिसम्बर को होना निश्चित हुआ है। इस वर्ष के प्रमुख आकर्षण बाण वस्त्रों का पूजन, कल्पवृक्ष (मोरु‌डाली, गैंडा कौथिक, पंय्या पाती, चक्रव्यूह, कमल व्यूह, पाण्डवों की स्वर्गारोहणी यात्रा आदि रहने वाले हैं। गांव के रंगमंच प्रमुख गजेन्द्र सिंह बर्त्वाल ने बताया है कि पाण्डवों की कौंच पर्वत यात्रा पश्चात 5 दिसम्बर से मंच पर महाभारत का मंचन प्रस्तुत किया जायेगा। गाँव की श्रद्धा भक्ति का परिणाम ही है कि भीम पश्वा चावलों से जौ की हरियाली बनाते हैं। गांव में धियाणियों एवं भक्तों का हूजूम लगा हुआ है।

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