हिंदुस्तान जिंक ने मात्र 1 वर्ष में 0.8 मिलियन गीगाजूल से अधिक ऊर्जा बचत की

    • 0.8 मिलियन गीगाजूल ऊर्जा से एक वर्ष में लगभग 70 हजार से अधिक घरों को बिजली मिल सकती है
    • कंपनी ने अपने मौजूदा 450 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी वितरण एग्रीमेंट को 530 मेगावाट तक विस्तारित करने की भी घोषणा की
    • राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस के उपलक्ष्य में ‘नो व्हीकल डे’ मनाया गया

पंतनगर। हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी ने वित्त वर्ष 24 में 0.8 मिलियन गीगाजूल से अधिक की संचयी ऊर्जा बचत की घोषणा की। बचत की यह मात्रा पूरे वर्ष में लगभग 70,000 से अधिक भारतीय घरों को बिजली दे सकती है। कंपनी ने पिछली बोर्ड बैठक में अनुमोदन के बाद अपने अक्षय ऊर्जा वितरण समझौते को 530 मेगावाट तक विस्तारित करने की भी घोषणा की क्षमता में पहले से हस्ताक्षरित पीडीए शामिल हैं। इससे 2026 तक कुल बिजली आवश्यकता में समग्र अक्षय ऊर्जा योगदान 70 प्रतिशत से अधिक हो जाएगा। हिन्दुस्तान जिंक ने पहले ही 450 मेगावाट चैबीसों घंटे अक्षय ऊर्जा के स्रोत के लिए बिजली वितरण समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।रेस्पोन्सिबल और सस्टेनेबल मेन्यूफैक्चरिंग के हिंदुस्तान जिंक के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हुए, कंपनी अपने कैप्टिव पावर प्लांट्स में सभी टर्बाइनों के पुनरुद्धार, सेलहाउस दक्षता में सुधार, संचालन में वेरिएबल फ्रीक्वेंसी ड्राइव की स्थापना, हाई-स्पीड डीजल से पाइप्ड प्राकृतिक गैस पर स्विच करने जैसी नवीन ऊर्जा-दक्षता परियोजनाओं में निवेश करना जारी रखा है।
एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2023 द्वारा धातु और खनन क्षेत्र में दुनिया की सबसे सस्टेनेबल कंपनी के रूप में मान्यता प्राप्त, हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो हासिल करने की दिशा में अपनी यात्रा जारी रखे हुए है। कंपनी अपने ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा की मात्रा बढ़ाकर, ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए परिचालन क्षमता मंल सुधार और स्वच्छ ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों से अपने परिचालन को डीकार्बोनाइज करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है। इस वर्ष की शुरुआत में, हिन्दुस्तान जिंक को नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त होनी शुरू हुई, जिसका उपयोग एशिया के पहले कम कार्बन वाले ग्रीन जिंक – इकोजेन के उत्पादन में किया गया था। कंपनी के लिए ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करना अनिवार्यता है, जिससे हर प्रक्रिया चरण में कार्बन उत्सर्जन कम हो। परिणामस्वरूप, हिन्दुस्तान जिंक ने उत्पादन मात्रा में वृद्धि करते हुए वर्ष 2020 के आधार पर वित्त वर्ष 24 में अपनी जीएचजी उत्सर्जन तीव्रता में 14 प्रतिशत की कमी की है।
हिन्दुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा कि हिंदुस्तान जिंक में हमारे लिए, सस्टेनेबल प्रेक्टिस और गुड बिजनेस समझ एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। मुझे खुशी है कि हम 530 मेगावाट तक रिन्यूएबल एनर्जी आपूर्ति के विकास के लिए अपने ईएसजी रोडमैप में आगे बढ़ रहे हैं। यह 2050 या उससे पहले नेट जीरो होने के हमारे मिशन के अनुरूप है। हमारी ऊर्जा और जलवायु कार्रवाई पहल का उद्देश्य हमारे सभी हितधारकों के लिए दीर्घकालिक मूल्य बनाना है, साथ ही स्वस्थ ग्रह में योगदान करना है। हम अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाने, संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करने और वैश्विक जलवायु लक्ष्यों के साथ संरेखित नवीन तकनीकों में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशियेन्सी (बीईई) के मार्गदर्शन में, हिन्दुस्तान जिंक ने अपनी सभी इकाइयों में नो व्हीकल डे मनाया। कंपनी के सभी कर्मचारियों और व्यावसायिक भागीदारों ने सार्वजनिक परिवहन, इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग किया, साइकिल से या पैदल कार्यालय तक पहुंचे, जिससे एक बड़ा प्रभाव पड़ा और इसका उद्देश्य ऊर्जा की खपत को अनुकूलित करने और कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए ऑटोमोबाइल प्रदूषण को कम करने के बारे में जागरूक करना है। कंपनी ने एक सप्ताह के दौरान अर्थ आवर, ऊर्जा संरक्षण पर प्रशिक्षण सत्र और पोस्टर-मेकिंग और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं जैसी विभिन्न गतिविधियों ने सभी कर्मचारियों, व्यावसायिक भागीदारों को ईएसजी चैंपियन बनने के लिए प्रेरित किया। स्थिरता के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को और पुख्ता करते हुए, कंपनी के व्यापक उत्पाद पोर्टफोलियो को पर्यावरण उत्पाद घोषणा (ईपीडी) द्वारा सत्यापित किया गया है, जिससे उत्पाद के पर्यावरण फुटप्रिंट पर तुलनीय डेटा उपलब्ध होता है। कंपनी को जल सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन में अपने अनुकरणीय प्रयासों के लिए कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट (सीडीपी) से प्रतिष्ठित लीडरशिप बैंड (ए-) पदनाम भी मिला है।

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