संजय बलोदी प्रखर
मीडिया समन्वयक उत्तराखण्ड प्रदेश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की कमान खुद संभाल ली है। गुरुवार को मुख्यमंत्री धामी ने देशभर में प्रस्तावित अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम स्थगित कर सचिवालय में उच्च स्तरीय बैठक ली। *मुख्यमंत्री ने अफसरों को ग्राउंड जीरो पर उतरकर व्यवस्थाएं संभालने के निर्देश दिए हैं।इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री ने देशभर से आने वाले तीर्थयात्रियों से अपील करते हुए कहा कि चारधाम जरूर आएं, लेकिन सरकार के दिशानिर्देश का सख्ती से पालन करें।
महत्वपूर्ण और त्वरित निर्णय लेने में सदैव मुखर रहने वाले मुख्यमंत्री धामी पूर्व में भी कई विपदाओं का निराकरण कुशलता से करने में अपनी विशिष्ट पहिचान रखते हैं. !
उन्होंने पूर्व में जोशीमठ की आपदा से लेकर सिलक्यारा हादसा और हाल में वनाग्नि जैसी राष्ट्रीय विपदा पर बड़ी सादगी के साथ कामयाबी हासिल की है। अब सरकार के सामने चारधाम में रिकॉर्ड तीर्थयात्रियों के पंजीकरण से धामों में बढ़ रहे दबाव को व्यवस्थित करने की चुनौती सामने है। हालांकि, इस पर सरकार यात्रा शुरू होने से पहले से तैयारी में जुटी थी और मुख्यमंत्री खुद अपनी व्यस्तता के बीच पूरी व्यवस्था की मॉनिटरिंग कर रहे थे, लेकिन पार्टी द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर स्टार प्रचारक के रूप में राजनीतिक जिम्मेदारी मिलने से मुख्यमंत्री लगातार देश के अलग-अलग राज्यों के भ्रमण पर थे।
चारों धाम के कपाट खुलने पर उमड़ी तीर्थयात्रियों की भीड़ और अभी तक चारों धाम के पंजीकरण की संख्या 30 लाख के करीब पहुंचने से धामों में क्षमता से ज्यादा आवाजाही दिखने लगी है। इसी को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी अपने सभी राजनीतिक कार्यक्रम टालते हुए गुरुवार को सीधे सचिवालय पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अफसरों की उच्च स्तरीय बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित चारधाम यात्रा के संचालन को ग्राउंड जीरो पर उतरने के कड़े निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दिया कि देवभूमि में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों को सुरक्षित दर्शन कराना हमारी जिम्मेदारी है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही और अव्यवस्था को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देशभर में हुए राजनीतिक कार्यक्रमों के दौरान उन्होंने सभी को देवभूमि दर्शन को आने का न्योता दिया है के साथ-साथ यह भी सुझाव दिया कि सरकार की एडवाजरी, जैसे पंजीकरण, बुकिंग, मौसम, मेडिकल चेकअप और धामों में दबाव का सख्ती से ध्यान जरूर रखें। इससे जहां श्रद्धालु सभी धामों में सुरक्षित और सुव्यवस्थित दर्शन कर पाएंगे, वहीं, किसी तरह की अव्यवस्था भी नहीं होगी। बहरहाल मुख्यमंत्री धामी ने जिस तरह से अपने सभी कार्यक्रम टालकर चारधाम यात्रा की कमान संभाल ली है, उसका असर भी जल्द देखने को मिलेगा।