सीएम के सख्त निर्देशः अभिभावक व बच्चों का शोषण अक्षम्य

देहरादून। जिले में निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायतों को लेकर जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों पर मंगलवार को मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह ने विभिन्न निजी स्कूल संचालकों के साथ वार्ता की। इस दौरान निजी विद्यालयों के विगत पांच वर्षाे के फीस स्टक्चर की जांच की गई। मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को सख्त हिदायत दी कि स्कूल फीस के लिए आरटीई एक्ट और प्रोविजन के अनुसार ही काम करना सुनिश्चित करें। अभिभावक और बच्चों को किसी एक निश्चित दुकान से किताबें और ड्रेस खरीदने के लिए भी बाध्य न किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने निजी स्कूल संचालकों को जानकारी देते हुए बताया कि एक्ट के अनुसार विद्यालय तीन वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत से अधिक फीस नही बढ़ा सकते। स्कूल प्रशासन के व्यय निकालने के बाद स्कूल की कुल जमा 20 प्रतिशत से अधिक नही होनी चाहिए। शिक्षा विभाग के संज्ञान में लाए बिना कोई भी निजी स्कूल अपनी मनमानी से फीस नही बढ़ा सकते है और यदि 10 प्रतिशत तक फीस बढ़ानी आवश्यक हो तो स्कूल को इसके औचित्यपूर्ण कारण भी शिक्षा विभाग को बताने होंगे। मुख्य विकास अधिकारी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निजी स्कूल संचालकों के साथ नियमों की जानकारी साझा करने के निर्देश भी दिए। निजी स्कूल संचालकों को हिदायत दी कि इसके बावजूद भी कही से मनमानी फीस बढ़ाने की शिकायत मिली तो स्कूल के विरूद्व कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके अलावा सभी निजी स्कूल संचालकों को राज्य सरकार के नियमों और एनसीईआरटी की किताबों को लगाने सहित कई बिन्दुओं पर निर्देश दिए गए।
बैठक में निजी विद्यालयों में फीस बढ़ोत्तरी की गहन समीक्षा की गई। कई निजी प्रतिष्ठित स्कूलों स्कूलों मनमानी फीस बढ़ाए जाने की शिकायत सही मिलने पर स्कूल संचालकों को फीस स्ट्रक्चर संशोधित करने हेतु सख्त निर्देश दिए गए। जिसमें एनएन मैरी को फीस स्ट्रक्चर ठीक करने की हिदायत दी गई। वही जांच में ज्ञानंदा स्कूल एवं सेंट जोसेएफ स्कूल की फीस स्टक्चर में सही पाए गए। समरवैली एवं अन्य निजी स्कूलों की अगले दिन बुधवार को समीक्षा की जाएगी। बैठक में उप जिलाधिकारी हरिगिरी, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौडियाल एवं खंड शिक्षा अधिकारी हेमलता गौड़ सहित निजी स्कूल एन मेरी के प्रधानाचार्य व प्रबन्धक,ज्ञानंदा के समन्वयक सेंड जोजफ के प्रतिनिधि, संचालक मौजूद थे।