कैबिनेट की बैठक में 12 प्रस्तावों पर लगी मुहर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को सचिवालय में राज्य मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में 12 प्रस्तावों पर मुहर लगी। कैबिनेट बैठक में पर्यावरण मित्रों, स्वच्छता नियमावली, भर्ती परीक्षाओं, ई-वाहन टैक्स माफी, पर्यटन योजनाओं और पेंशन जैसे विषयों पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में निर्णय लिया गया कि 2013 से कार्यरत 859 पर्यावरण मित्रों को अब मृतक आश्रित का लाभ मिलेगा। उत्तराखंड स्वच्छता गतिशीलता नियमावली के तहत वाहन कन्वर्जन पर सब्सिडी प्रक्रिया को सरल किया गया। विक्रम व अन्य डीजल वाहनों के लिए भी सब्सिडी योजना लागू की जाएगी। बैटरी, मोटर और स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड पेट्रोल वाहनों पर परिवहन टैक्स पूरी तरह माफ होगा, केवल जीएसटी देय रहेगा। उत्तराखंड वर्दीधारी सिपाही और उप निरीक्षक पदों की परीक्षा अब एक साथ आयोजित की जाएगी।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली ने पत्रकारों को दी। उन्होंने बताया कि सब-इंस्पेक्टर स्तर के सभी पदों की परीक्षा भी एकसमान तरीके से कराई जाएगी। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 15 नए पद सृजित किए गए। मानवाधिकार आयोग में 12 नए पद स्वीकृत किए गए। राज्य सरकार के द्वारा प्रधानमंत्री के दिशा-निर्देशों पर बद्रीनाथ धाम में मास्टर प्लान के अन्तर्गत पुनर्निर्माण कार्य किये जा रहे हैं। उक्त के क्रम में श्री बद्रीनाथ धाम में एराईवल प्लाजा पर प्रधानमंत्री भारत सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट के अन्तर्गत अति विशिष्ट प्रकार का स्ट्रक्चर बनाया जाना है। उक्त कार्य में अति विशिष्ट प्रकार की कलाकृति बनाये जाने की अनुमति कैबिनेट द्वारा प्रदान की गयी है।
उत्तराखण्ड विधि विज्ञान प्रयोगशाला विभाग में विभागाध्यक्ष घोषित किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य की विधि विज्ञान प्रयोगशाला को अधिसूचना 27.12.2024 के द्वारा गृह विभाग के सीधे नियन्त्रण में लाये जाने के फलस्वरूप विधि विज्ञान प्रयोगशाला विभाग का आय-व्ययक सम्बन्धी समस्त कार्य प्रभावित होने के दृष्टिगत निदेशक, विधि विज्ञान प्रयोगशाला को शासकीय अभिलेखों में विभागाध्यक्ष घोषित किये जाने हेतु वित्तीय हस्तपुस्तिका खण्ड-1 (वित्तीय अधिकारों का प्रतिनिधायन) वर्ष 2018 के अध्याय-1 में विभागाध्यक्षों की सूची सम्मिलित किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। उत्तराखण्ड मानव अधिकार आयोग का गठन वर्ष, 2011 में किया गया है, तत्समय आयोग के संरचनात्मक ढांचे में कुल-47 पद सृजित किये गये थे। आयोग के वर्तमान संरचनात्मक ढांचे का विगत 11 वर्षों में कार्य आवश्यकता के आधार पर पुनर्गठन नहीं किया जा सका है, जिससे आयोग के दैनिक कार्य प्रभावित होने के कारण वर्तमान परिदृश्य के अनुरूप आयोग के कार्यों के सुचारू संचालन हेतु पूर्व से सृजित ढांचे में 12 नवीन पदों को सृजित करते हुये उत्तराखण्ड मानवाधिकार आयोग के वर्तमान संरचनात्मक ढांचे को पुनर्गठित किये जाने के प्रस्ताव पर मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। राज्यांतर्गत राष्ट्रीय पेंशन योजना से आच्छादित कार्मियों की पूर्व सेवाओं को उपादान की देयता हेतु जोडे जाने का निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड वर्दीधारी सिपाही पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली, 2025 एवं उत्तराखण्ड वर्दीधारी उप निरीक्षक पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली, 2025 के प्रख्यापन को मंजूरी दी गई है।
राज्य सरकार के साधनों का समुचित एवं विवकेपूर्ण उपयोग किये जाने तथा अभ्यर्थियों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं में सुविधाजनक स्थिति प्रदान किये जाने के लिए सम्बन्धित विभागों एवं चयन संस्था/आयोग के साथ विचारोपरान्त वर्दीधारी पदों (सिपाही एवं उप निरीक्षक) पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया में एकरूपता लाये जाने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड वर्दीधारी सिपाही पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली, 2025 एवं उत्तराखण्ड वर्दीधारी उप निरीक्षक पदों पर सीधी भर्ती की चयन प्रक्रिया नियमावली, 2025 के प्रख्यापन किये जाने का कैबिनेट द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है। वन टाइम सेटेलमेंट के तहत विनियमित हुए पर्यावरण मित्रों के सेवाकाल के दौरान मृत्यु के उपरान्त उनके आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली, 1974 का लाभ प्रदान किये जाने हेतु कैबिनेट द्वारा अनुमोदन दिया गया। शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत स्थानीय निकायों में विनियमितीकरण नियमावली, 2013 के अन्तर्गत 859 पर्यावरण मित्रों को वन टाईम सेटलमेंट के तहत विनियमित किया गया था। उक्त विनियमितीकरण विषयक शासनादेश संख्या-1282, दिनांक 22.11.2016 में प्राविधानित था कि एक बार के लिए विनियमित किये जाने वाले उक्त कार्यरत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति अथवा अन्य किसी दशा में उक्त पद रिक्त होने पर स्वतः आउटसोर्स में परिवर्तित हो जायेंगे। उक्त प्राविधान के कारण सम्बन्धित कार्मिकों के आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली का लाभ नहीं मिल पा रहा है। उक्तानुसार वन टाइम सेटेलमेंट के तहत विनियमित हुए पर्यावरण मित्रों के सेवाकाल के दौरान मृत्यु के उपरान्त उनके आश्रितों को मृतक आश्रित नियमावली, 1974 का लाभ प्रदान किये जाने हेतु विनियमितीकरण विषयक शासनादेश संख्या-1282, दिनांक 22.11.2016 में संशोधन किये जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।
परिवहन विभागान्तर्गत उत्तराखण्ड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति, 2024 के प्रस्तर-09 के बिन्दु (2) में यह व्यवस्था थी कि नीति के तहत दिए जाने वाले विभिन्न प्रोत्साहनों के लिए धन विभिन्न अनुमन्य स्रोतों से प्राप्त किया जाएगा और एक गैर व्यपगत फंड के रूप में उत्तराखण्ड क्लीन मोबिलिटी ट्रांजिशन फंड के नाम से एक एस्क्रो खाते में जमा किया जायेगा। बैंको द्वारा उक्त एस्क्रो खातों को खोलने हेतु कतिपय समस्यायें इंगित की गई है। इसके अतिरिक्त शासन के वित्त विभाग के शासनादेश दिनांक 05 जुलाई, 2023 के अनुसार बजटीय अनुदानों हेतु एस०एन०ए० खाता खोलकर उसे आई०एफ०एम०एस० से इंटीग्रेटड किया जाना अनिवार्य है। अतः एस्क्रो खाते के स्थान पर उत्तराखण्ड क्लीन मोबिलिटी ट्रांजिशन फंड के नाम से एस०एन०ए० खाता खोले जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। उत्तराखण्ड मोटरयान कराधान सुधार अधिनियम, 2003 के अन्तर्गत जारी अधिसूचना दिनांक 02 जनवरी, 2019 में विद्युत बैटरी अथवा सोलर पॉवर अथवा सी०एन०जी० से चलित यानों पर एक बारीय कर की दरें निर्धारित हैं। उक्त अधिसूचना में केन्द्रीय मोटरयान (नवां संशोधन) नियम, 2023 के नये नियम 125 ‘‘एम’’ के अन्तर्गत केवल प्लग इन हाईब्रिड इलेक्ट्रिक यान एवं स्ट्रांग हाईब्रिड इलेक्ट्रिक यान को भी देय मोटरयान कर से छूट दिए जाने का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है। उक्त निर्णय का उददेश्य वाहन स्वामियों को उक्त श्रेणी के वाहन क्रय एवं उसके उपयोग करने हेतु प्रोत्साहित करना एवं प्रदूषण में कमी लाना भी है। उक्त कर छूट वर्तमान वित्तीय वर्ष 2025-26 में केवल एक बार के लिये ही वैध होगी। उत्तराखण्ड राज्य में विभिन्न विभागों के अन्तर्गत उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर के समूह-ग के पदों पर चयन किये जाने हेतु अधिसूचना दिनांक 17-08-2014 के द्वारा उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग अधिनियम 2014 की धारा 5 में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया है, तदोपरान्त उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का ढांचा शासनादेश सं0 441 दिनांक 25 नवम्बर, 2014 के द्वारा 64 अस्थायी पदों का सृजन किया गया। जिसमें 02 पद डाइंग कैडर होने के दृष्टिगत वर्तमान में 62 पद ही सृजित है। वर्तमान में विभिन्न विभागों में कार्मिकों के भर्तियों के अधियाचनों की अधिकता के दृष्टिगत आयोग के कार्यों के सुचारू सम्पादन हेतु आयोग के संरचनात्मक ढांचे का पुनर्गठन करते हुए अतिरिक्त पदों के सृजन की आवश्यकता के दृष्टिगत उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के संरचनात्मक ढ़ाचे में पूर्व सृजित 62 पदों के अतिरिक्त उप सचिव का 01 नियमित पद तथा विधि अधिकारी 01 पद, संविदा/आउटसोर्स, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 02 पद आउटसोर्स, कम्प्यूटर प्रोग्रामर का 01 पद आउटसोर्स, स्वागती का 01 पद आउटसोर्स, वाहन चालक के 03 पद आउटसोर्स तथा सुरक्षा कार्य हेतु 06 सुरक्षा कर्मियों आउटसोर्स के माध्यम से, इस प्रकार कुल 15 (01 नियमित पद तथा 14 आउटसोर्स के) नवीन पदों के सृजन का कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया है।
