सरकार से 1 हफ्ते में मांगी रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट में नैनीताल के हल्द्वानी में बार कारोबारियों द्वारा शराब नीति का उल्लंघन किए जाने को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक की खंडपीठ ने राज्य सरकार से बार कारोबारियों द्वारा किए गए अतिक्रमण की जांच कर एक सप्ताह में रिपोर्ट पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने एक सप्ताह बाद की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार हल्द्वानी निवासी प्रकाश पांडे ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि हल्द्वानी में बार कारोबारियों द्वारा शराब नीति का उल्लंघन कर शहर में बड़े बड़े होर्डिंग लगाए गए हैं। इसका बुरा प्रभाव युवाओं और बच्चों पर पड़ रहा है। याचिका में हल्द्वानी में कुछ बार कारोबारियों द्वारा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण करके उसका उपयोग पार्किंग के तौर पर भी किया जा रहा है। ये शराब नीति के विरुद्ध है।
जनहित याचिका में रखे गए ये बिंदुरू जनहित याचिका में कहा गया है कि बार स्वामी के पास बार खोलने से पहले 600 मीटर की पार्किंग की व्यवस्था होनी आवश्यक है, जिससे कि आमजन को कोई दिक्क्त न हो। आबकारी नीति यह भी कहती है कि बार, शैक्षणिक क्षेत्र, बाजार, निवास स्थानों पर न हो। लेकिन हल्द्वानी में वॉकवे के पास स्कूल, बाजार, आवास हैं। वहां पर भी बार चलाने का लाइसेंस आबकारी विभाग की ओर से दे दिया गया है। यही नहीं एक बार के पास पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने के कारण उसने नहर के ऊपर ही पार्किंग बना दी है। जनहित याचिका में कहा गया कि इसकी जांच की जाए। नियमों के विपरीत चल रहे बारों का लाइसेंस निरस्त किया जाए। प्रचार के लिए बार के लगाए गए होर्डिंग को भी प्रतिबंधित किया जाये।
इसके बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार से बार कारोबारियों द्वारा किए गए अवैध कब्जे समेत होर्डिंग की रिपोर्ट एक हफ्ते में मांगी गई है।
