मुख्य सचिव ने की नंदादेवी राजजात यात्रा के तैयारियों की समीक्षा

देहरादून। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में वर्ष 2026 में आयोजित होने वाली नंदादेवी राजजात यात्रा के तैयारियों की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने जिलाधिकारी चमोली को निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभागों और स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय स्थापित करते हुए संपूर्ण यात्रा को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने हेतु मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) शीघ्र तैयार की जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा की ऐतिहासिकता, विशिष्टता और मौलिकता से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। उन्होंने इसकी डॉक्यूमेंट्री भी तैयार किए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा के कारण बहुत से यात्रा मार्ग और पड़ावों की स्थिति की जानकारी के लिए मार्गों और पड़ावों की रेकी करायी जाए। मार्गों एवं पड़ावों को दुरूस्त कराए जाने के लिए तत्काल कार्यवाही शुरू की जाए। उन्होंने टैन्ट आदि की व्यवस्था के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं।
मुख्य सचिव ने नंदादेवी राजजात यात्रा के लिए कराए जाने वाले सभी स्थायी एवं अस्थायी प्रकृति के कार्यों की प्राथमिकताएं निर्धारित किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अनिवार्य रूप से कराए जाने वाले बड़े कार्यों को प्राथमिकता में लेते हुए तत्काल शुरू कराए जाने के निर्देश दिए हैं।  उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक यात्रा पड़ाव एवं संपूर्ण यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य अधिकारियों, दवाओं, पोर्टेबल ऑक्सीजन एवं स्वास्थ्य उपकरण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि मार्गों का विद्युतीकरण, स्वास्थ्य सुविधाएं, भीड़ प्रबंधन, खाद्य सामग्री की व्यवस्थाएं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, स्वच्छता प्रबंधन आदि की समावेशी एसओपी शीघ्र जारी की जाए। उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को पूरी यात्रा का वेस्ट मैनेजमेंट प्लान, सेप्टिक मैनेजमेंट और सेनिटेशन मैनेजमेंट प्लान बनाने के भी निर्देश दिए ताकि यात्रा में भागीदारी करने वाले लोगों को सुविधा मिले तथा पर्यावरण को किसी भी तरह की क्षति भी ना पहुंचे। बैठक में एपीसीसीएफ कपिल लाल, सचिव विनोद कुमार सुमन, धीराज सिंह गर्ब्याल, सी. रविशंकर एवं अपर सचिव विनीत कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा का परिणाम शीघ्र घोषित करने की मांग
रुद्रप्रयाग के प्रतिभागी परीक्षार्थियों ने दिया ज्ञापन
देहरादून। उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा हाल ही में आयोजित की गई स्नातक स्तरीय परीक्षा में आई शिकायतों के मध्यनजर इस परीक्षा में सम्मिलित जनपद रुद्रप्रयाग के प्रतिभागी परीक्षार्थियों द्वारा जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग को ज्ञापन सौंप कर उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा-2025 का परिणाम शीघ्र घोषित करने एवं परीक्षा निरस्त न किए जाने का  अनुरोध किया है।
इन परीक्षार्थियों ने अपने ज्ञापन में निवेदन किया है कि उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा दिनांक 21 सितम्बर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा जनपद रुद्रप्रयाग में पूर्णतः निष्पक्ष, पारदर्शी एवं शांतिपूर्ण वातावरण में सम्पन्न हुई थी। जनपद के समस्त परीक्षा केंद्रों पर अभ्यर्थियों ने बिना किसी व्यवधान के परीक्षा दी, परीक्षा के सुचारू संचालन हेतु जिला प्रशासन द्वारा कड़े प्रबंध किए गए थे, जिनमें मेटल डिटेक्टर से चेकिंग, पुलिस बल की तैनाती, तथा कक्ष निरीक्षण आदि शामिल थे। हम सभी अभ्यर्थियों ने निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया का अनुभव किया।
उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि परीक्षा उपरांत कुछ भ्रामक समाचारों एवं अपने निजी स्वार्थ से कुछ व्यक्तियों द्वारा परीक्षा की छवि को धूमिल किया जा रहा है। यह कृत्य न केवल हम अभ्यर्थियों के परिश्रम के साथ अन्याय है बल्कि हमारे भविष्य को भी संकट में डालने वाला है।
सभी परीक्षार्थियों स्पष्ट तौर कहा है कि जनपद रुद्रप्रयाग में यह परीक्षा पूर्ण पारदर्शी एवं नकलविहीन रही। अब परीक्षा को निरस्त करना लाखों अभ्यर्थियों की मेहनत पर पानी फेरने जैसा होगा। अभ्यर्थियों द्वारा आयोग और राज्य सरकार पर पूरा विश्वास व्यक्त करते हुए कहा गया है कि  ैप्ज् जांच से सत्य की पुष्टि हो जाएगी। उन्होंने विनम्रता के साथ निवेदन किया है कि उक्त परीक्षा को निरस्त न किया जाए तथा आयोग को शीघ्र उत्तर कुंजी एवं परिणाम घोषित करने हेतु कहा जाये एवं निष्पक्ष जांच प्रक्रिया में केवल दोषियों पर ही कार्यवाही हो, निर्दोष अभ्यर्थियों का भविष्य सुरक्षित रखा जाए। ज्ञापन देने वालों में अमित चमोली, अनिल बिष्ट, संदीप रावत, शिवानी मलासी, आशा गैरोला, मोहित, श्रुति, अंकित कंडारी, रक्षा डंगवाल आदि शामिल हैं।

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