शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल विवादित कुलपति डॉ. ओमकार सिंह का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए पुन: बढ़ाने हेतु अधिकारियों पर दबाव बना रहे है
देहरादून: वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्विद्यालय में चल रहे फ़र्ज़ी डिग्री जाँच प्रकरण, भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनिमिताओ की शिकायतो को लेकर डी.ए.वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल के नेतृत्व में छात्र पिछले छह माह से सड़को पर आंदोलनरत है ।
यू.टी.यू सॉफ्टवेयर घोटाले की जांच में तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल के ढुल मुल रवैये एवं कुलपति डॉ. ओमकार यादव के साथ मिली भगत एवं अंदर खाने लगातार सह दिए जाने से नाराज़ छात्रों ने आज तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल का घेराव किया एवं जमकर नारेबाजी की और साथ ही तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल का पुतला जलाते हुए भ्रष्ट मन्त्री के इस्तीफे की मांग की। कुलपति डॉ. ओमकार यादव खुले आम कहते है कि उन्होंने मंत्री जी के रिस्तेदार को विश्विद्यालय के हॉस्टल का काम दिया हुआ है उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता ।
गौरतलब हो कि, हाल ही में तकनीकी शिक्षा सचिव की जांच के दौरान विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था । विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने लखनऊ स्थित एक कंपनी के साथ अनुबंध करके एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) और यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट सिस्टम (UMS) सॉफ्टवेयर का निर्माण कराया। विश्वविद्यालय में सॉफ्टवेयर विकास के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच के लिए बीते 5 मई को पांच सदस्यीय कमेटी गठित किए जाने का निर्णय लिया गया। जांच समिति गठन करने के बाद समिति को 15 दिनों का समय भी दिया गया था । 9 दिन बाद यानी 14 मई को IAS नितिका खंडेलवाल को निदेशक ITDA के पद से हटा दिया गया। इसके बाद यह जांच फिलहाल लटकती हुई नजर आ रही है।
उन्होंने कहा की विवादों में शामिल होने पर भी तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल मिली भगत करके कुलपति डॉ. ओमकार यादव को एवं विवादित सॉफ्टवेयर को अभी भी जारी रखे हुए है एवं छात्रों का उत्पीडन एवं विश्विद्यालय में भ्रष्टाचार एवं वित्तीय अनिमिताओ का दौर यथावत जारी है ! न सॉफ्टवेयर को हटने दे रहे है एवं ना ही जाँच को आगे बढ़ने दे रहे है ! छह माह से सरकार केवल खाना पूर्ति एवं आश्वासन तक ही सीमित है ! यह एक दम दुर्भाग्य पूर्ण है की तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल विवादित कुलपति डॉ. ओमकार सिंह का कार्यकाल 3 वर्ष के लिए पुन: बढ़ाने हेतु अधिकारियों पर दबाव बना रहे है ! एवं विवादित सॉफ्टवेयर कंपनी ने 2 करोड़ का और बिल दे दिया है !
छात्रों ने पुनः मांग की शासन की समिति की रिपोर्ट के आधार पर कुलपति डॉ. ओमकार सिंह एवं परीक्षा नियंत्रक डॉ. वी. के पटेल को तुरंत बर्खास्त किया जाये एवं विश्विद्यालय के 8 करोड रु के घालमेल की रिकवरी के लिए संलिप्त अधिकारिओ के विरुद्ध इ.डी की भी मदद ली जाये, उन्होंने कहा कि शासन की प्रथम जाँच रिपोर्ट में दोषी साबित होने पर भी कुलपति अभी तक विश्विद्यालय में घूम रहे है एवं तकनीकी शिक्षा मन्त्री की मिली भगत एवं अंदर खाने लगातार सह दिए जाने से घोटाले के सबूतों से छेड़खानी कर रहे है। जो अब बिलकुल बर्दास्त नहीं किया जायेगा।
डी.ए. वी. छात्र संघ अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि अब छात्रों के हितो से कोई भी खिलवाड़ नहीं होने दिया जायेगा। अब भी शीघ्र कारवाही न होने पर व्यापक राज्य स्तर पर छात्र आन्दोलन करने को मजबूर होंगे जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार एवं शासन की होगी।
इस दौरान सौरभ सेमवाल,स्वयं रावत,मयंक रावत,मंथन,आकाश,आर्यन,नितिन,आदि कई एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद रहे।
