लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को मिला आत्मनिर्भर बनने का अवसर

देहरादून। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को मिला स्वरोजगार का प्रशिक्षण देहरादून, 13 मार्च उत्तराखंड सरकार की महत्वाकांक्षी ‘लखपति दीदी’ योजना के अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन विकासखंड रायपुर, जनपद देहरादून में 11 एवं 12 मार्च को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनकी आय में वृद्धि करना है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में 250 महिलाओं ने भाग लिया, जिन्हें पारंपरिक एपण आर्ट, आर्टिफिशियल ज्वेलरी और सॉफ्ट टॉय बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान महिलाओं ने अपने हाथों से उत्पाद तैयार किए और इस पहल की सराहना करते हुए सरकार से अनुरोध किया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को ग्राम पंचायत स्तर तक भी ले जाया जाए और उनकी अवधि बढ़ाई जाए। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर वंदना शर्मा (आईआईएफटी, मुंबई) द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। उन्होंने महिलाओं को आश्वस्त किया कि भविष्य में भी किसी भी प्रकार की सहायता और सहयोग के लिए वे सदैव तत्पर रहेंगी। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) देहरादून की पहल पर, परियोजना निदेशक (पीडी) डीआरडीए और बीडीओ रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। यह योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आजीविका संवर्धन के संकल्प को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्नूज बटन और भागदौड़ के बीच फँसे उद्यमियों का अच्छी नींद पाने के लिए संघर्ष
देहरादून। विश्व निद्रा दिवस के अवसर पर, हार्टफुलनेस और टीआईई ग्लोबल ने उद्यमियों के बीच बढ़ती नींद की समस्या पर प्रकाश डालते हुए एक सर्वेक्षण जारी किया है। पाँच प्रमुख भारतीय शहरों- दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई और पुणे में 260 उत्तरदाताओं (200 से अधिक उद्यमी, स्टार्ट-अप संस्थापक और 50 से अधिक तकनीकी पेशेवरों) का सर्वेक्षण करने पर पता चला कि 55ः स्टार्टअप संस्थापक और व्यवसायी नींद की समस्या से जूझ रहे हैं। लंबे समय तक काम करने की निरंतर माँग, उच्च दबाव वाले निर्णय लेने और वित्तीय अनिश्चितताएँ तनाव और बर्नआउट को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे उत्पादकता और समग्र स्वास्थ्य पर असर पड़ रहा है।
नींद की कमी के प्रभाव सिर्फ़ थकान महसूस करने से कहीं ज़्यादा हैं। सर्वेक्षण में शामिल 80 प्रतिशत से ज़्यादा उत्तरदाताओं ने माना कि खराब नींद उनके काम के प्रदर्शन, एकाग्रता और कार्यस्थल के रिश्तों पर काफ़ी असर डालती है। हालाँकि उद्यमियों के लिए इसके परिणाम और भी गंभीर हैंद्य नींद की कमी से निर्णय लेने, रचनात्मकता और लचीलेपन जैसे महत्वपूर्ण व्यावसायिक कार्य प्रभावित होते हैं, जो व्यवसाय की सफलता के लिए ज़रूरी गुण हैं। कई उद्यमियों ने अक्सर नींद में गड़बड़ी की भी शिकायत की, 19ः ने अपनी नींद की गुणवत्ता को खराब या बहुत खराब बताया। इसके अलावा, 26 प्रतिशत से ज्यादा पेशेवर प्रति रात छह घंटे से भी कम नींद ले रहे हैं, यह समस्या उद्यमियों के बीच और भी ज़्यादा स्पष्ट है।