सरकारी अस्पतालों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर हुई सुनवाई

डायरेक्टर जरनल हेल्थ ने दी हाईकोर्ट को कई जानकारियां

नैनीताल : हाईकोर्ट में प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान डायरेक्टर जरनल हेल्थ ने कोर्ट को अवगत कराया गया कि उच्च न्यायालय के पूर्व के आदेशों के निर्देशों के अनुपालन में भवाली सेनेटोरियम हॉस्पिटल को मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल के बनाने के लिए शासन स्तर पर कार्यवाही गतिमान है। जिसकी डीपीआर बनाने के साथ ही 250 करोड़ का फाइनेंशियल प्रपोजल शासन को भेज दिया गया है। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार को एक सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने डीजी हेल्थ से पूछा कि कितने बैड का हॉस्पिटल बनाने के प्रपोजल भेजा गया, जिस पर डीजी हेल्थ द्वारा बताया गया कि 200 बैड का प्रपोजल भेजा गया है। हॉस्पिटल के लिए 160 करोड़ व आवासों के लिए 90 करोड़ का भी प्रपोजल भेजा गया है। जिस कंपनी ने भूमि का सर्वेक्षण किया उसने इस भूमि को हॉस्पिटल के लिए उपयुक्त माना है। कोर्ट ने बी.डी. पांडे व रामजे हास्पिटल की स्थिति के बारे में पूछा कि बी.डी. पांडे व रामजे हॉस्पिटल में अभी कितने बैड है। जिसपर उनके द्वारा बताया गया कि बी.डी. पांडे में 200 बैड हैं लेकिन वर्तमान में 120 बैड ही संचालित है जबकि रामजे हॉस्पिटल में 10 बैड हैं। कोर्ट ने डीजी हेल्थ से कहा है कि कार्य में शीघ्रता लाई जाए ताकि हॉस्पिटल का कार्य शीघ्र प्रारंभ हो सके।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश भर के सरकारी अस्पतालों में मरीजों को मूलभूत सुविधाएं मिल रही है और न ही हॉस्पिटलों में बेहतर इलाज की सुविधाएं उपलब्ध है। स्टॉफ की कमी और खराब पड़ी मशीनों के चलते मरीजों को हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। याचिका में कहा गया है कई हॉस्पिटल में इंडियन हैल्थ स्टेण्डर्ड के मानकों की कमी ही। याचिका में उच्च न्यायालय से सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की प्रार्थना की है ताकि दूरदराज से सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

!-- Google tag (gtag.js) -->