मुख्यमंत्री धामी, जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़, नंदिता दास, शेफाली शाह, शोभा डे, आदिल हुसैन, जया किशोरी, विशाल और रेखा भारद्वाज, उषा उत्थप समेत कई चर्चित हस्तियां होंगी शामिल

देहरादून : देहरादून लिटरेचर फेस्टिवल (डीडीएलएफ) ने आज अपने सातवें संस्करण की घोषणा करी। डीडीएलएफ के संस्थापक सम्रांत विरमानी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह फेस्टिवल 14 से 16 नवंबर तक दून इंटरनेशनल स्कूल, सिटी कैम्पस में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष की थीम “वसुधैव कुटुंबकम – वॉइसेस ऑफ यूनिटी” रक्खी गई है, जो विविध विचारों, अभिव्यक्तियों और संवादों के माध्यम से एकता की भावना का संदेश देती है।
फेस्टिवल एक बार फिर साहित्य, सिनेमा, संगीत, खान-पान, संस्कृति, इतिहास और प्रदर्शन कला का संगम बनने जा रहा है। यह आयोजन सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए खुला है और उनका स्वागत करता है ।
तीन दिवसीय इस आयोजन में देश के कई प्रतिष्ठित लेखक, कलाकार, और विचारक शामिल होंगे। जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ दो विशेष सत्रों में शामिल होंगे – “जस्टिस, डेमोक्रेसी एंड द आईडिया ऑफ़ इंडिया” और “वी द स्टूडेंट्स ऑफ़ इंडिया – ए डायलॉग ऑन डेमोक्रेसी”। वहीं, रसकिन बॉन्ड उद्घाटन के दिन ऑनलाइन माध्यम से कीनोट एड्रेस देंगे।
फेस्टिवल में शामिल अन्य प्रमुख नामों में आदिल हुसैन, दिव्य प्रकाश दुबे, शोभा थरूर श्रीनिवासन, रूपा पाई, अभय के., अनामिका, नारायणी बासु, सैम डालरिम्पल, शोभा डे, रुजुता दिवेकर, जया किशोरी, सुवीर सरन, स्वरूप सम्पत रावल, नंदिता दास, लीना यादव, विशाल भारद्वाज, शेफाली शाह, सुमाना रॉय और मालिनी अवस्थी शामिल हैं। संगीत प्रस्तुति के क्षेत्र में ओशो जैन, वेदी सिन्हा, बुलंद हिमालय, निखिल सकलानी और उषा उत्थप फेस्टिवल में विशेष रंग भरेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीडीएलएफ के संस्थापक सम्रांत विरमानी ने कहा, “डीडीएलएफ एक ऐसा मंच बन चुका है जो संवाद, सहानुभूति और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करता है। ‘वॉइसेस ऑफ यूनिटी’ के थीम के साथ हम उन कहानियों की शक्ति का सम्मान कर रहे हैं जो लोगों को एक सूत्र में जोड़ती हैं। इस वर्ष हमारा उद्देश्य युवाओं को मोबाइल और कंप्यूटर की डिजिटल दुनिया से बाहर निकलकर वास्तविक दुनिया — विचारों, पुस्तकों और मानवीय जुड़ाव की दुनिया — से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है। इसी सोच के चलते हमने यह निर्णय लिया है कि फेस्टिवल का प्रसारण किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म, जैसे यूट्यूब या इंस्टाग्राम, पर नहीं किया जाएगा। हम चाहते हैं कि युवा स्वयं इस आयोजन में उपस्थित होकर साहित्य की आत्मा को प्रत्यक्ष रूप से महसूस करें। हमारा उद्देश्य हर वर्ष अधिक से अधिक विचारों, दृष्टिकोणों और विधाओं को मंच देना है, ताकि यह उत्सव देहरादून और उससे आगे तक समुदाय का फेस्टिवल बन सके।”
उन्होंने आगे बताया, “फेस्टिवल में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी विशेष सत्र में शामिल होंगे, जहां वे लेखिका वेनू अग्रहरी धींगरा की पुस्तक ‘लीडिंग लेडीज – द न्यू वेव ऑफ फीमेल पॉलिटिशियंस इन इंडिया’ का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर जननेता के तौर पर महिलाओं की भूमिका पर एक प्रेरक संवाद भी आयोजित होगा।”
चूंकि उद्घाटन बाल दिवस के अवसर पर है, इसलिए इस वर्ष बच्चों के लिए विशेष सत्रों का आयोजन किया गया है। इनमें शामिल हैं ‘अबव राइम, बियॉन्ड रीजन’ – शोभा थरूर श्रीनिवासन, रूपा पाई और वैषाली श्रोफ के साथ, ‘कहानी जंक्शन’ – दिव्य प्रकाश दुबे के साथ कहानियों और उनके सृजन पर सत्र, तथा ‘अपना अपना नॉर्मल’ – ‘सितारे ज़मीन पर’ टीम के साथ आत्मस्वीकारिता एवं फ़िल्म के संदेश पर चर्चा। इसके अलावा बच्चों के लिए ‘टाइनी थिंकर्स’ और ‘कैरेक्टर लैब’ जैसी कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी।
फेस्टिवल डायरेक्टर सौम्या कुलश्रेष्ठ ने कहा, “इस वर्ष का प्रोग्राम इतिहास, सिनेमा, संगीत, कविता, खान-पान, पर्यावरण, व्यक्तिगत कथाओं और वैश्विक संवादों से परिपूर्ण है। हमारा लक्ष्य है कि हर आगंतुक को यहां कुछ ऐसा मिले जो उसके मन को गहराई से छू जाए।”
उन्होंने आगे कहा, “बुक लॉन्च, मीट-एंड-ग्रीट सेशन, इंटरएक्टिव वर्कशॉप, लेखक संवाद, संगीत संध्याएं और साहित्यिक-सांस्कृतिक अनुभवों के साथ, डीडीएलएफ का सातवां संस्करण अब तक का सबसे जीवंत आयोजन होगा, जो दून वासियों को विचार, कहानी और कला का विशाल उत्सव प्रदान करेगा।”
उत्तराखंड के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस वर्ष डीडीएलएफ राज्य की समृद्ध संस्कृति को विशेष रूप से प्रदर्शित करेगा। अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और देहरादून की लोक परंपराएं ‘साउंड ऑफ वीमेन – फोक म्यूजिक ऑफ उत्तराखंड’, निखिल सकलानी के संगीत, और क्षेत्रीय कला, कविता व संवादों के माध्यम से प्रस्तुत की जाएंगी।
दून इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक एच.एस. मान ने कहा, “सिटी कैम्पस में डीडीएलएफ की मेजबानी करना हमारे लिए गर्व की बात है। यह आयोजन छात्रों और समुदाय दोनों के लिए श्रेष्ठ विचारों और सृजनात्मक आवाज़ों से संवाद का अवसर है। ऐसे आयोजन साहित्य को जीवंत बनाते हैं और सीखने के अनुभव को कक्षा की सीमाओं से परे ले जाते हैं।”
इस वर्ष पहली बार ‘गार्डियंस ऑफ हिमालयाज अवॉर्ड’ की शुरुआत की जा रही है, जो उत्तराखंड की 25वीं वर्षगांठ को समर्पित है। यह पुरस्कार पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करेगा। इस अवसर पर अक्षय जैन, जो इस पुरस्कार के प्रस्तुतकर्ता हैं, ने कहा, “हिमालय हमारी साझा जिम्मेदारी हैं। इस पुरस्कार के माध्यम से हम उन लोगों को सम्मानित करना चाहते हैं जो पर्यावरण और पारिस्थितिकी की रक्षा में अद्भुत कार्य कर रहे हैं।”
इसके साथ ही फेस्टिवल में पहले की तरह दो प्रतिष्ठित वार्षिक सम्मान भी प्रदान किए जाएँगे — ‘शिवानी – आयरन लेडी ऑफ द हिल्स अवॉर्ड’, जिसे फ्रंटियर ज्वेलर्स द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा, और ‘रसकिन बॉन्ड लिटरेरी अवॉर्ड’।
इस मौके पर फ्रंटियर ज्वेलर्स के अंशुमन कपूर ने कहा, “शिवानी अवॉर्ड साहस और रचनात्मक शक्ति का प्रतीक है। हम इस सम्मान को समर्थन देने पर गर्व महसूस करते हैं, जो उन महिलाओं की आवाज़ को सम्मानित करता है जो प्रेरणा बनती हैं।”
